जीवन का आयाम - कविता - मधुस्मिता सेनापति

जो आज है
वो कल तक न रुकेगा।
जो अब हैं साथ में
वह कल तक न रहेगा।

जो आज मुस्कुरा रहा है
उसे कल दर्द को पालना होगा।
सफलता पाने के लिए तो
जीवन संघर्ष को अपनाना होगा।

मेहनत के बिना
कभी न लक्ष्य प्राप्त हो पाएगा।
अगर मंजिल पाना ही है तो
संघर्ष को तो गले लगाना ही होगा।

मुस्कुराना है तो
आज दर्द सहना होगा।
जीवन में रोशनी लाना ही है तो
अंधेरों से जरूर गुजरना होगा।

मधुस्मिता सेनापति - भुवनेश्वर (ओडिशा)

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