आज फिर वह याद आया - गीत - राहुल सिंह "शाहावादी"

साँझ होने के समय जब,
      तुम हमारे साथ होते ।
स्वर्ग की भी चाह हमको, 
      फिर लुभा पाती नही ।
छोड़कर तुम चल दिए क्यूँ,
      अब याद कर अबसाद आया ।
      आज फिर वह याद आया ।।
वह सुनहरी लालिमा,
      होठो कि तेरे शान थी ।
स्वंय हांथों से तेरा,
      घूँघट उतारा था कभी ।
वह असर था प्यार का,
      था प्रेंम से तेरे नहाया ।
      आज फिर वह याद आया ।।
तुम हमारा ओज थे,
      मुझको था तेरा यूँ सहारा ।
तेरा सरीखा प्यार खोकर,
      फिर कभी ना भूल पाया ।।
      आज फिर वह याद आया ।।

राहुल सिंह "शाहावादी" - जनपद, हरदोई (उत्तर प्रदेश)

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