अभ्यास करने से कार्य आसान हो जाते है - लेख - शेखर कुमार रंजन

अपना मूल्य अपनी नजरों में ऊँचा रखिए। भले ही लोग कुछ भी कहें लेकिन आपको अपना 
आत्मविश्वास नहीं खोना है। आप लोगों को यह अवश्य पता होगा कि पहले इंसान का मजाक उड़ता है फिर बहिष्कार होता है और अंततः जय जयकार होता है। इसलिए अपने नाम और चेहरे को जाना पहचाना बनाने की एक भी अवसर ना छोड़े और अपने आप को चमकदार बनाने से मत हिचकिये। अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का एक भी मौका नहीं छोड़िये। चाहे किसी भी प्रकार की सार्थक कार्य हो उसमें अपने आप को उसका हिस्सा बनने से नहीं रोके। सामाजिक कार्यों में भी बढ़ चढ़कर  हिस्सा लीजिए। कोई भी कार्य को सकारात्मक कार्यों के साथ प्रारम्भ करें। जब भी आपकी जरूरत हो आप आगे बढ़कर पहल कीजिए। चाहे मंच पर हो या गली में हर जगह सकारात्मक सोच के साथ आपको कार्य करते रहना चाहिए साथ ही मैं एक बात बता दूं कि जितनी भी समस्याएं हैं उनमें से लगभग समस्याओं का निदान उचित शिक्षा के द्वारा किया जा सकता है उचित शिक्षा के अभाव में लोग बहुत सारी समस्याओं के समाधानों से अनभिज्ञ रह जाते हैं।

लोगों की समस्याओं को अपनी समस्या मान कर चले और समाधान ढूंढ़कर लोगों की समस्याओं के समाधान अवश्य ही करें। मुझे याद है वो दिन जिस दिन मैंने पहली बार रोटी बनाई थी पता नहीं की विश्व के किस देश का नक्शा बना था। किन्तु मैंने रोटी बनाना फिर भी बंद नहीं किया इसी प्रकार कुछ दिनों तक विश्व के अलग-अलग देशों के नक्शे बनते रहें किन्तु आज के दिन में मुझे खुशी मिलती हैं यह बोलते हुए कि मैं चाँद से भी गोला रोटी बनाता हूँ। अब यदि मैं उन दिनों को याद करता हूँ जब मैंने रोटी बनानी प्रारंभ ही कि थी और सोचता हूँ कि क्या उस दिन ही मैं कभी सोच पाता कि मै इतना सुंदर रोटी बना पाऊंगा तो जबाब बिल्कुल नहीं तब मुझे एक बात समझ आ गई कि यदि हम बिना कोई लोभ के किसी दिशा में चलना प्रारंभ करते हैं, तो फिर हम कहीं न कहीं प्रारंभिक स्थिति से कहीं दूर पहुँचे हुए रहते हैं। मुझे रोटी बनाने वाली बातों से एक सीख मिली कि बार-बार असफलता प्राप्त करने के वाबजूद यदि फिर भी कोशिश करते रहें तो अन्तोगत्वा सफलता अवश्य ही प्राप्त हो जाती है। वास्तविक जीवन भी तो ऐसी ही है न जो कार्य कठिन लगते हैं उसे भी बार-बार करने पर आसान लगने लगते हैं। अभ्यास से कोई भी कार्य को आसान बनाया जा सकता है। अभ्यास बार-बार यदि किया जाए तो आपका सफलता निश्चित है और यह बात बिलकुल सही है कि अभ्यास ही इंसान को करीब-करीब परफेक्ट बनाता हैं क्योंकि एकदम से परफेक्ट इंसान कभी नहीं हो सकता हैं। किन्तु जहाँ तक संभव हो सके हमें अपनी सफलता प्राप्त करने की दिशा में कार्य करते रहनी चाहिए तथा अभ्यास जरूर करते रहे यदि आप यह करते हैं तो एक दिन आप अवश्य ही अपनी मंजिल को प्राप्त करोगे।

शेखर कुमार रंजन - बेलसंड, सीतामढ़ी (बिहार)

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