वीर अब्दुल हमीद - कविता - बजरंगी लाल

जंग-ए-1965 में अपनी जाँबाजी दिखलाया,
संयुक्त राष्ट्र का तोड़ टैंक भारत का लोहा मनवाया।
जिसके बल पर था उछल रहा,पाक हमेशा लड़ने को,
अभिमान तोड़ उस अमेरिका का,वीरगति वह पाया था।।

वह गाजीपुर का लाल था,
दुश्मन के लिए अकाल था।
संयुक्त राष्ट्र का तोड़ टैंक,
वह मचा दिया भूचाल था।।

तोड़ टैंक वह दिखा दिया,
दुश्मन की छाती हिला दिया।
पापी पाक को धूल चटा,
गीदड़ का आसन हिला दिया।।

वो हमीद हमें प्यारा था,
प्राणों से भी वह न्यारा था।
शत बार करूँ जीवन न्यौछावर,
जो भारत माँ का दुलारा था।।


बजरंगी लाल - दीदारगंज, आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश)

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