पापा - कविता - अतुल पाठक

हम बच्चों के प्यारे पापा
सबसे सच्चे हमारे पापा

पूरी करते हमारी हर इच्छा
उनके जैसा नहीं कोई अच्छा

हम सबका स्वाभिमान हैं पापा
स्वाबलंबन की पहचान हैं पापा

हर फर्ज़ को सदा निभाते पापा
जीवन भर कर्ज़ चुकाते पापा

हम बच्चों की हँसी ख़ुशी के लिए
अपने सुख चैन भूल जाते पापा

मुश्किलों की घड़ियों में अक़्सर
हम बच्चों के साथ खड़े रहते पापा

संघर्ष की आँधियों से डरे नहीं
हौंसलों की उड़ान हैं पापा

खून पसीना एक करके हम बच्चों का भविष्य बनाते हैं
हम बच्चों को रहेगा सदा आप पर गुमान है पापा

हम बच्चे आप बिन महज़ कतरा ही तो हैं
महान तो वो शख़्स हैं जिसकी हम संतान हैं पापा


अतुल पाठक - जनपद हाथरस (उत्तर प्रदेश)

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