जीने का नाम ही है जिंदगी - कविता - मधुस्मिता सेनापति

कल का दिन किसने देखा
आज की बात सोचा करो
बुरे सोच को त्याग मन से
सत्य को अपनाने की कोशिश करो.....!!

खुद से हिम्मत न हारो कभी
स्वयं पर अटूट विश्वास रखो
मंजिल तुम तक जरूर पहुंचेगी
स्वप्न देखना तुम बंद ना करो........!!

जैसा सोच रखेंगे मन में
वैसा ही वापस पाओगे
हर पल कुछ अच्छा करो
जैसे जीवन में महान बन जाओगे......!!

चंद घड़ियों की है यह जिंदगी
हकीकत को स्वीकार करना सीखो
कल क्या होगा किसने जाना
आज के घड़ी को जीना सीखो........!!

सही वक्त की तलाश मत करो
जो वक्त अभी है उसको सुधार करो
जीवन में सफलता की इंतजार ना किए
हर कार्य में तन मन ध्यान रखा करो.......!!

मधुस्मिता सेनापति - भुवनेश्वर (ओडिशा)

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