जिन्दगी के अपूर्व दास्तान - कविता - मधुस्मिता सेनापति

जीवन एक ज्योति है, जलने के लिए,
जलना है सिर्फ उजाले के लिए.........
जीवन पुष्प है, खेलने के लिए,
खिलता है सिर्फ महकने के लिए........
जीवन एक फैशन है, सजाने के लिए,
सजाना है सिर्फ जमाने के लिए..........
जीवन एक संगत है, मिलने के लिए,
मिलना है सिर्फ बिछड़ने के लिए..........
जीवन एक जंग है, लड़ने के लिए,
लड़ना है सिर्फ जीतने के लिए............
जीवन एक सरिता है, बहकने के लिए,
बहता है सिर्फ जीने के लिए...........
जीवन एक नाटक है, करने के लिए,
करता है सिर्फ दिखाने के लिए........
जीवन एक नगमा है, गुनगुनाने के लिए,
गुनगुनाता है सिर्फ मुस्कुराने के लिए........

मधुस्मिता सेनापति - भुवनेश्वर (ओडिशा)

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