मेरा सब कुछ लुट गया मितवा - गीत - कुमार निर्दोष


मेरा सब कुछ लुट गया मितवा किस्मत ने मारा है
अब तेरी याद मेरे जीने का सहारा है

मिलने से पहले बिछड़ा हंसों का जोड़ा
राम ने भी ना खाया रहम मुझ पे थोड़ा
मेरी बर्बादी का देखा सबने नजारा है
अब तेरी याद मेरे जीने का सहारा है

सोचा ना दुनिया ने जिऊँगा मैं कैसे
गम के ये आँसू हाय पिऊँगा मैं कैसे
मैं तो हूँ बहता दरिया यादें किनारा है
अब तेरी याद मेरे जीने का सहारा है

कैसे बताऊँ मैंने कितने जख्म खाये हैं
रात की तन्हाईओं में आँसू बहाये है
चाँद भी छुप गया टूटा किस्मत का तारा है
अब तेरी याद मेरे जीने का सहारा है

कोई शराबी कहता कोई दीवाना
निर्दोष दिल का दर्द कोई ना जाना
मजनू आबारा पागल कहके पुकारा है
अब तेरी याद मेरे जीने का सहारा है

कुमार निर्दोष - (दिल्ली)


Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos