छोड़ो भी - ग़ज़ल - अजय अंजाम


तुम क्या मुझसे प्यार करोगे,छोड़ो भी
इस पागल को दिल दे दोगे, छोड़ो भी

मेरा दिल है एक खिलौना,मालूम है
तुम भी थोड़े दिन खेलोगे,छोड़ो भी

जैसी नजरें डाली हैं,इस दुनिया ने
वैसे ही तुम भी देखोगे, छोड़ो भी

आई लव यू कह कर, धोखा देते सब
ऐसा ही कुछ तुम बोलोगे, छोड़ो भी

देखो सूरज डूब गया है,चांद उगा
आज नहीं क्या जाने दोगे, छोड़ो भी

कंधा, बाहें, पहलू,बोसा,बस बस बस
अब जाने क्या और करोगे, छोड़ो भी

पढ़ते रहते हो केवल तन की भाषा
आखिर मन को कब बांचोगे, छोड़ो भी

इक आतिश आलूद नदी में चलना है
बोलो,मेरे साथ चलोगे, छोड़ो भी

मैं अंजाम नहीं हूं केवल रस्ता हूं
दो डग चलकर लौट पड़ोगे, छोड़ो भी

अजय अंजाम - औरैया

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