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विधा/विषय "गैर"
अब तू ग़ैर है - ग़ज़ल - आलोक कौशिक
मंगलवार, अगस्त 25, 2020
मैं जानता हूँ कि अब तू ग़ैर है मुझे जीना भी तेरे बग़ैर है फिर भी मोहब्बत है तुझसे मेरे दिल को मुझसे ही बैर है बसा रखा है त…
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