संदेश
विधा/विषय "ज़िम्मेदारी"
अपनी ज़िम्मेदारी समझो - कविता - सरिता श्रीवास्तव "श्री"
मंगलवार, मई 04, 2021
अपनी ज़िम्मेदारी समझो, आदतें छोड़ क्यों नही देते, समाज की धारा में बहो, बेइज़्ज़ती छोड क्यों नहीं देते। रात को लौटते हो घर, लड़खड़ाते नश…
जिम्मेदारी - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
सोमवार, दिसंबर 14, 2020
ये देश हमारा है बस इसी गुमान में मत रहिए देश से प्यार भी कीजिए, आपकी भी कुछ जिम्मेदारियां भी हैं उसका भी निर्वाह कीजिए। देश और देश के …