संदेश
चढ़ो सुमन बन निज वतन - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
जीवन है बहु कीमती, नश्वर पर बहुमूल्य। पलभर का चितचोर जग, है अनमोल अतुल्य।।१।। मणि मुक्ता धन सम्पदा, सब जीवन आलम्ब। कर लो कुछ सत्काम ज…
वतन मेरा - कविता - विनोद निराश
वतन मेरा प्यारा, हिन्दुस्तान है , यही मेरा मान, यही अभिमान है। गोद में खेले है जिस, मिटटी की, वही आज हमारी देखो पहचान है। ऊँचा हि…
गन्धमाद सुरभित वतन - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
हो मंगलमय अरुणिमा, खिले प्रगति जग फूल। दया धर्म करुणा हृदय, परहित नित अनुकूल।।१।। रहें बिना दुर्भाव का, मानस बने उदार। भारतमय अ…
हो रामराज्य निर्भेद वतन - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
मेरे सपनों का भारत जग, सुरभित सुष्मित अभिराम बने। बिन दिन दुःखी समता मूलक, शिक्षित उन्नत सुखधाम बने। हो पूर…
जय भारत माँ जय हिन्द वतन - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
क्षणभर का अनुपम जीवन जग, आओ नूतन पुरुषार्थ करें। चढ़ भारत की बलिबेदी पर, नित अमर कीर्ति परमार्थ करें। लाएँ अरुणिम खुशियाँ हम, …
शौर्य मुदित सीमा वतन - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
शौर्यशक्ति से शान्ति हो, प्रेमशक्ति सम्मान। त्याग शक्ति सुख प्राप्ति हो, राष्ट्र शक्ति अभिमान।।१।। मातृभूमि …
नमन शहीदों वतन प्यार पे - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
शहादत शहीद अरु मोहब्बतें, ध्वजा तिरंगा हाथ थाम के। बने सारथी मातु भारती, चले विजय रण कफ़न बांध के। न…