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विधा/विषय "बिरसा मुण्डा"
बिरसा मुण्डा - कविता - रमाकान्त चौधरी
सोमवार, नवंबर 14, 2022
क्रांति की अमिट कहानी था। वह वीर बहुत अभिमानी था। डरा नहीं वह गोरों से, लहज़ा उसका तूफ़ानी था। जल जंगल धरती की ख़ातिर, जिसने सबकुछ वारा थ…
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