संदेश
विधा/विषय "पक्षी"
परिंदे प्यार के - कविता - गणपत लाल उदय
मंगलवार, नवंबर 24, 2020
ऐसे पकडो़ ना हमें कोई छल - कपट करके कोई। फैलाओ मत जाल तुम रखो ना पिंजरे में कैद तुम।। क्यों चलते हो चाल कोई उड़ने दो हमको शान वही…
अब पक्षियां नहीं आती - कविता - उमाशंकर मिश्र
मंगलवार, अक्तूबर 13, 2020
उजड़े हुए चमन मे अब पक्षियां नहीं आती, झुलसे हुए झोपड़ी मै गाये नहीं आती। मैले आँचल से अब दूरगंध नहीं आती, गिरे हुए महल मे अब मोहब्बतें …