सत्यम् दुबे 'शार्दूल' - प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश)
आया पावन रक्षाबंधन - कविता - सत्यम् दुबे 'शार्दूल'
शनिवार, अगस्त 09, 2025
श्रावणी पूर्णिमा का विहान,
है सजी मिठाई की दुकान।
राखी में कितने रंग भरे,
सब को आकर्षित आप करे।
बहनों के हाथों भाई का
होना है नूतन अभिनंदन।
आया पावन रक्षाबंधन।
करता भाई उपहार भेंट,
उमड़े आँसू ख़ुशियाँ समेट।
रोली अक्षत आरती सूत,
बंधन का है ये शुभ मुहूर्त।
प्रतिवर्ष नयापन लगता है,
होता जाता संबंध सघन।
आया पावन रक्षाबंधन।
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