फिर फिर जीवन - कविता - रोहित सैनी

फिर फिर जीवन - कविता - रोहित सैनी | Hindi Kavita - Phir Phir Jeevan - Rohit Saini. Hindi Poem On Life. जीवन पर कविता
अगर कभी तुम्हें लगे
अकेले ही पर्याप्त हो तुम अपने लिए
जब लगे अकेले जीवन जिया जा सकता है, मुश्किल नहीं!
तब अपनी जान का पूरा दम लगाकर
फिर करना किसी पर विश्वास
देखना किसी को प्रेम भरी दृष्टि से
क्योंकि जिसको तुम एकांत का अनहद नाद समझ रहे हो
वह अकेलेपन के कुएँ में
छोटे-से कंकर के गिरने से उठा शोर है

इस जीवन में बार-बार आएँगे ऐसे क्षण
तुम हर बार यही करना
मुस्कुराकर देखना किसी-की ओर
कोशिश करना किसी-को सुनने की
प्यार-से करना बात
ठहरकर देखना दो-घड़ी
क्या पता वह भी कोई तुम्हीं-सा अभागा हो
क्या पता वही हो तुम्हारे समय के रथ का टूटा पहिया
जिसके मिलने-से ही बनना होगा— तुम्हारा अर्धनारीश्वर!


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