डॉ॰ रवि भूषण सिन्हा - राँची (झारखंड)
कौन जिलवा से तु अइलु गोरी - भोजपुरी गीत - डॉ॰ रवि भूषण सिन्हा
मंगलवार, अप्रैल 29, 2025
हरी-हरी खेतवा में, देखे तोहे नज़रिया,
हे गोरी,
हमर दिलवा एक सवाल करेला,
अरे, कौन जिलवा से तु अइलु गोरी,
ई दिलवा के बेहाल करेला।
प्यारी-प्यारी नकिया में, सोभत नथुनिया।
नाज़ुक कलईया में, चमकत चूड़ियाँ।
ये हो,
गुलाबी होठंवा में, लुभावत ई ललईया।
कौन बज़रिया से, ख़रीद लईलु,
दिलवा के बेहाल करेला।
हरी-हरी खेतवा में, देखे तोहे नज़रिया,
हे गोरी,
हमर दिलवा एक सवाल करेला,
कौन जिलवा से तु अईलु गोरी,
दिलवा के बेहाल करेला।
घुरी-घुरी होठवा से, दबाबेलु अँगुरिया।
रही-रही देहिया में, आबे अँगड़ईया।
ये हो,
चलत डगरिया में, हिलावेलु कमरिया,
कौन स्कूलवा से, तु सीख अईलु गोरी,
दिलवा के बेहाल करेला।
हरी-हरी खेतवा में, देखे तोहे नज़रिया,
हे गोरी,
हमर दिलवा एक सवाल करेला,
कौन जिलवा से तु अईलू गोरी,
दिलवा के बेहाल करेला।
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