स्वयं का सम्मान करें हम - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'

स्वयं का सम्मान करें हम - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | Hindi Kavita - Swayam Ka Samman Karen Hum. Hindi Poem On Self Respect. आत्मसम्मान पर कविता
स्वयं का भी सम्मान करें हम,
सदाचार संस्कार चरित हो।
विनत नियत गुण शील समन्वित,
संकल्पित पुरुषार्थ सृजित हो।

मानवीय गुण ललित लसित मन,
आरोहण परमार्थ निहित हो।
राष्ट्र समर्पित सेवा तन्मय,
स्व सम्मान धर्मार्थ सृजित हो।

अटल ध्येय संकल्प सुपथ श्रम,
सर्वोन्नति देशार्थ विहित हो।
स्वाभिमान स्वयं अनुभूति हृदय,
अनमोल कीर्ति कर्म फलित हो।

दया धर्म करुणामय जीवन,
क्षमाशील परहित जीवन हो।
स्वाभिमान जब मान कर्मफल,
भारत रक्षण संजीवन हो।

स्वाभिमान जब राष्ट्र सृजित हो,
लोकतंत्र संविधान चलित हो।
सार्वभौम समरस सद्भावित,
योगदान ख़ुद सम्मानित हो।


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