मैं हिंदी हूँ - कविता - सुनीता प्रशांत

मैं हिंदी हूँ - कविता - सुनीता प्रशांत | हिंदी भाषा पर कविता | Hindi Kavita - Main Hindi Hoon. Hindi Poem on Hindi Language
सबकी जानी पहचानी 
सबकी प्यारी अपनी अपनी
भावना मैं मन की
भाषा मैं जन जन की
व्यक्त मैं, अभिव्यक्त मैं
सार मैं, अभिसार मैं
सर्व साधारण का आधार मैं
सरल हूँ, सहज हूँ
चाहे तोड़ो, चाहे मरोड़ो
फिर भी लिए अपनत्व हूँ
मैं हिंदी हूँ।

सुनीता प्रशांत - उज्जैन (मध्य प्रदेश)

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