राजधर अठया - दमोह (मध्यप्रदेश)
देश का आधार हिंदी - कविता - राजधर अठया
शनिवार, सितंबर 14, 2024
पद्म का शृंगार हिंदी,
गद्य का विस्तार हिंदी,
भावों को दे शब्द अनेक,
शब्दों का भंडार हिंदी।
पढ़ने-लिखने में सरल हिंदी,
वाणी में निर्मल हिंदी,
पुष्पों सी ये कोमल हिंदी,
भावों में शीतल हिंदी,
हिंदी देश की शान है,
हम सबकी पहचान हिंदी।
सबसे सरल और सबसे सुंदर,
समझ सभी को आती है।
मन मानस का विचार हिंदी,
भावनाओं के चित्र सजाती है।
भारत का आधार हिंदी,
जन-जन का व्यवहार हिंदी,
वीरों के बलिदानों के,
क़िस्से हमें बताती है।
गौरवशाली गाथाएँ बनकर हिंदी,
भारत का मान बढ़ाती है।
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