तू कुछ तो बोल - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा

तू कुछ तो बोल - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा | Hindi Kavita - Tu Kuchh To Bol - Hemant Kumar Sharma
तू कुछ तो बोल,
तू जहाँ है
वहीं से बोल।

तेरा लहज़ा संशोध का हो,
सारी स्थिति के बोध का हो।
कह मूल्यवान,
व्यर्थ न मुँह खोल।

कलाकार है कला से कह,
नदी है तो बला से बह।
कि टूटें रिश्वतखोरी के पुल,
बही सड़क सा बन ढोल।

खाली काग़ज़ पर पिरो मोती,
कुछ लिख
नायिका न हो जिसमें रोती।
साहस को दे भुजा,
नखशिख वर्णन में ही
लेखनी न रोल।


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