प्रेम कविता - कविता - कार्तिकेय शुक्ल

प्रेम कविता - कविता - कार्तिकेय शुक्ल | Hindi Kavita - Prem Kavita - Kartikeya Shukla. Hindi Poem On Love Poetry | प्रेम कविता पर कविता
मैं लिखना चाहता हूँ
एक अच्छी प्रेम कविता
पर आड़े आ जाता है तुम्हारा प्रेम

तुम्हारा प्रेम
यानी कि जो सिर्फ़ मेरा और मेरा है
जिस पर सिर्फ़ मेरा अधिकार है

अब तुम्हीं बताओ
तुम्हारे प्रेम की अनुभूति को
सबके सामने कैसे बयाँ करूँ

क्या अब भी लिखूँ 
प्रेम कविता 
या छोड़ दूँ।

कार्तिकेय शुक्ल - गोपालगंज (बिहार)

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