ख़ुशियों के गीत - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'

ख़ुशियों के गीत - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | Hindi Geet - Khushiyon Ke Geet. खुशियों पर गीत कविता
ख़ुशियों के गीत गा पाएँ हम, 
अरमान दिली उद्गाता है। 
बिन गेह वसन क्षुधार्त्त प्यास, 
दे मदद ख़ुशी हर्षाता है। 

नित ख़ुशियाँ दे मुस्कान अधर, 
जीवन पल दुर्लभ पाता है। 
नव प्रेम सरित उब डूब मानव, 
उत्साह हृदय मद माता है। 

बस बंद वेदना अधर युगल, 
आहत ज़ख़्मों को ढोता है। 
उन अवसीदन ख़ुशियों के पल, 
मुस्कान आश मन छाता है। 

अनमोल धरोहर ख़ुशियाँ पल, 
अपने आभास दिलाता है। 
नव सोच प्रगति प्रेरक ख़ुशियाँ, 
पुरुषार्थ विजय फलदाता है। 

बस ख़ुशी उजाला दे जीवन, 
निर्भेद सरस बन जाता है। 
हो पार सहज संघर्षक पथ, 
स्वप्निल मंज़िल फल दाता है। 

कुछ लम्हें जो पाए जीवन, 
परमार्थ ख़ुशी दे जाता है। 
कर्त्तव्य सुमति संयम विवेक, 
साफल्य अधर मुस्काता है। 

भर दो ख़ुशियाँ हर आहत मन, 
गुलज़ार सुकूँ दे जाता है। 
बस बाँट प्रेम सहयोग सरस, 
ख़ुद रिश्तों में ढल जाता है। 


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