बुद्ध - कविता - संजय राजभर 'समित'

बुद्ध - कविता - संजय राजभर 'समित' | Hindi Kavita - Buddha - Sanjay Rajbhar Samit | Hindi Poem On Buddha. बुद्ध पर कविता
एकाग्र चित्त होकर
जो अन्तर्मुखी है
उदार होकर
गहन सोच में
सारे मनोवृत्तियों को समेटे
आत्म अवलोकन के लिए
प्रकृति के स्वरूप में लीन है
गहन तम में
दिव्य है
प्रकाशित है
वह बुद्ध है। 


Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos