नशे के विरुद्ध अब, समर सज चुका है,
नशा मुक्त भारत हो, शंख बज चुका है।
समर सज चुका है, शंख बज चुका है॥
जवानी नहीं अब, नशे मे डुबेगी,
कहानी नहीं अब, नशे की बनेगी।
नशा नास करती, यही सच है समझो,
नशा न कहीं हो, मुहिम बन चुका है।
नशा मुक्त भारत हो, शंख बज चुका है॥
ना होंगे अब सौदे नशीली दवा के,
युवा न उड़ेगा ज़हरीली हवा में।
नशा का कहीं अब न व्यापार होगा,
राष्ट्र का संकल्प, अटल हो चुका है।
नशा मुक्त भारत हो, शंख बज चुका है॥
नशे की दिवानी, जवानी न होगी,
नशा प्राण लेले, कहानी ना होगी।
नशा करने वालों का, बुरा हश्र होता,
तरुण सभ्य शिक्षित, यह राष्ट्र कह चुका है।
नशा मुक्त भारत हो, शंख बज चुका है॥
नशे के विरुद्ध आओ हम सब खड़े हों,
नशा करने वाले अब कहीं ना पड़े हों।
नशेड़ियों का पूर्ण बहिष्कार होगा,
ना लेगा नशा देश शपथ ले चुका है।
नशा मुक्त भारत हो, शंख बज चुका है॥