श्री गणेश वंदना - कविता - देवेंद्र सिंह

श्री गणेश वंदना - कविता - देवेंद्र सिंह | Hindi Kavita - Shree Ganesh Vandana - Devendra Singh. Poem On Lord Ganesh. गणेश वंदना पर कविता
गाओ गणपति जगवंदन,
शंकर सुअन भवानी नंदन।
देव, दनुज, मुनि सब कोई ध्यावे,
सबसे पहले भोग लगावे।
सेंदुर भाल बिराजत चन्दन,
गाओ गणपति जगवंदन॥

मेरी विनती सुनो विनायक,
लम्बोदर तुम सब गुण लायक।
एक दन्त मैं तुमको ध्याऊँ,
पान, बतासा, लड्डू लाऊँ। 
सभी सुखी हों रहे न क्रंदन,
गाओ गणपति जगवंदन॥

गण नायक महिमा है न्यारी,
रिद्धि, सिद्धि तुम्हरी नारी।
सब कुछ हाँथ तुम्हारे देवा,
अर्पित तुमको लड्डू मेवा।
सब प्रसन्न हों सभी निरोगी,
हों सब दाता हों सब योगी।
हे विध्न विनाशक! तुमको वंदन,
गाओ गणपति जगवंदन॥

'देवेंद्र' तुम्हरी करे आरती,
वाहन मूसक नहीं सारथी।
मात, पिता का मान बढ़ाया,
तुमने सबको यही पढ़ाया।
हे गणेश! शत शत है वंदन,
गाओ गणपति जग वंदन॥

देवेन्द्र सिंह - ग्वालियर (मध्य प्रदेश)

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