अविनाश ब्यौहार - जबलपुर (मध्य प्रदेश)
बादल अंबर में घिर आए - ग़ज़ल - अविनाश ब्यौहार
गुरुवार, जून 01, 2023
अरकान : फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन
तक़ती : 22 22 22 22
बादल अंबर में घिर आए,
मौसम बारिश के फिर आए।
लोग यहांँ पर आतुर होंगे,
वाजिब है गर साबिर आए।
चित्त हुआ जब शांत नहीं है,
मानस में तब मंदिर आए।
जीवन में यदि शातिर हैं तो,
ठीक यही जब क़ादिर आए।
शासन में कुछ भी चलता है,
शासक तो बस आमिर आए।
चंचल लोग मिले तब जाना,
वक़्त हुआ पर है थिर आए।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर