अरकान : फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन
तक़ती : 22 22 22 22
बादल अंबर में घिर आए,
मौसम बारिश के फिर आए।
लोग यहांँ पर आतुर होंगे,
वाजिब है गर साबिर आए।
चित्त हुआ जब शांत नहीं है,
मानस में तब मंदिर आए।
जीवन में यदि शातिर हैं तो,
ठीक यही जब क़ादिर आए।
शासन में कुछ भी चलता है,
शासक तो बस आमिर आए।
चंचल लोग मिले तब जाना,
वक़्त हुआ पर है थिर आए।
अविनाश ब्यौहार - जबलपुर (मध्य प्रदेश)