नववर्ष - कविता - प्रवल राणा 'प्रवल'

नववर्ष तुम्हे मंगलमय हो,
जीवन भी शुभ मंगलमय हो।

ऊर्जा से प्रकाशित नववर्ष रहे,
आगामी जीवन में उत्कर्ष रहे।

जो संताप आदि इस वर्ष रहे,
उनको भूलें अब बस हर्ष रहे।

छूटे थे काम पूर्व में अधूरे,
इस वर्ष करो निश्चय ही पूरे।

कामनाएँ हमारी मन में जो रही,
इस वर्ष पूर्ण होंगी वो सभी।

जो न हुए अरमान पूरे बाइस में,
आओ 'प्रवल' सम्पूर्ण करें तेईस में।

प्रवल राणा 'प्रवल' - ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश)

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