सिद्धार्थ 'सोहम' - उन्नाओ (उत्तर प्रदेश)
शिक्षा - कविता - सिद्धार्थ 'सोहम'
शनिवार, सितंबर 10, 2022
शिक्षा एक आधार
अभाव में सब निराधार,
शिक्षा सत्य की आशा
बिना इसके अधूरी जीवन की परिभाषा,
शिक्षा का मूल्य मानो सब ही समझे
फिर भी आज का शिक्षित, वास्तविक ज्ञान को तरसे,
यदि होती शिक्षा केवल रटना और रटाना
तो होता आज मशीनों से मुश्किल जीत पाना,
शिक्षा तो वो व्यापार जिसको जितना फैलाओ
बढ़ता ही जाता इसका आधार।
शिक्षा से से ही बनते आचार, विचार और सदाचार,
शिक्षा ही दिलाती सम्मान और दर्शाती संस्कार,
शिक्षा को नही देना पड़ता प्रमाण
क्योंकि शिक्षा ही करती है सही चरित्र निर्माण।।
इसीलिए शिक्षा से हो ज्ञान का विकास
क्योंकि यही कराती है मनुष्य को मनुष्यता का आभाष।
तो आप माने या न माने,
शिक्षा है तो जीवन है क्योंकि
हर सफलता का रास्ता शिक्षा से ही होकर गुज़रता है।
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