अरकान : मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन
तक़ती : 1222 1222 1222 1222
ये रिश्ते को बचाने के लिए क्या-क्या नहीं करता,
मेरे जैसा यहाँ कोई कभी वादा नहीं करता।
अगर तू छोड़ भी जाए तो तुझको याद आऊँगा,
यहाँ कोई तुझे मेरी तरह सज्दा नहीं करता।
ये तक़दीर-ए-मुहब्बत में मिली बस हिज्र की रातें,
ख़ुदा जो भी अता करता है अब, अच्छा नहीं करता।
अदम-मौजूदगी में भी उसे ही याद करता हूँ,
अगर वो साथ होता तो भला मैं क्या नहीं करता।
फलाँ की बात करते हो तो मैं इक बात कहता हूँ,
जो तुमसे इश्क़ करता है, मेरे जितना नहीं करता।
आयुष सोनी - उमरिया (मध्यप्रदेश)