जीवन के उस पार क्या है? - कविता - मोनिका मानवी

जीवन के उस पार क्या है?
अपार शांति या घोर लालसा? 

पूर्णतः लालसा नहीं, किन्तु शांति भी नहीं।
इस पार इच्छाओं का यदि अंत हुआ हो 
तो उस पार लालसा घोर नहीं हो सकती है,
परन्तु इस पार यदि इच्छाएँ शेष रही हों
तो उस पार शांति अपार नहीं हो सकती है। 

पूर्ण संदेह या अपूर्ण प्रश्न? 

पूर्णतः प्रश्न नहीं किन्तु संदेह भी नहीं।
इस पार की भूमिका यदि पूर्ण रही हो
तो उस पार प्रश्न अपूर्ण नहीं हो सकता,
परंतु इस पार यदि भूमिका अपूर्ण रही हो
तो उस पार संदेह पूर्ण अवश्य हो सकता है। 

अति प्रसन्नता या घोर पश्चताप?
 
पूर्णतः पश्चताप नहीं, किन्तु प्रसन्नता भी नहीं।
इस पार अपराधों को यदि क्षमा कर दिया हो
तो उस पार प्रसन्नता अति अवश्य हो सकती है,
परन्तु इस पार यदि गुनाह स्वीकारा न हो
तो उस पार पश्चताप घोर अवश्य हो सकती है।

मोनिका मानवी - अकबरपुर, अंबेडकर नगर (उत्तर प्रदेश)

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