हाँ मेरा अभिमान तिरंगा है - गीत - हिमांशु चतुर्वेदी 'मृदुल'

भारतवर्ष की शान तिरंगा है,
हाँ मेरा अभिमान तिरंगा है।
करते है इसको हरपल नमन,
हाँ मेरी पहचान तिरंगा है।

वर्षों तक की थी ग़ुलामी,
दी थी वीर सपूतों ने क़ुर्बानी।
गांधी, भगत और सुभाष की,
इस जननी का मान तिरंगा है।
हाँ मेरी पहचान तिरंगा है।।

लड़े थे २०० सालो तक,
मातृभूमि की बेड़ी काटी।
वतन पर मर मिटने वालों,
का बस अरमान तिरंगा है।
हाँ मेरी पहचान तिरंगा है।।

मिली आज़ादी, मिले शत्रु भी,
हुआ देश का जो बँटवारा।
छुप छुपकर वार किया तो,
हर वार का जवाब तिरंगा है।
हाँ मेरी पहचान तिरंगा है।।

तीन रंग से बना तिरंगा,
ऊँचे नभ को चूमे तिरंगा।
अमर शहीदों की गाथा का,
प्रतिपल प्रमाण तिरंगा है।
हाँ मेरी पहचान तिरंगा है।।

आज़ादी का अमृत् महोत्सव मनाएँ,
हर घर, घर-घर तिरंगा फहराएँ।
जल थल नभ में धाक जमाएँ,
हर देशवासी के मन में बसता तिरंगा है।
हाँ मेरी पहचान तिरंगा है।।

हिमांशु चतुर्वेदी 'मृदुल' - कोरबा (छत्तीसगढ़)

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