वीरों के संघर्ष से, मुक्त हुआ जब देश।
लहर उठी आनंद की, दूर हुआ सब क्लेश॥
आज़ादी का पर्व है, करते सब सम्मान।
मन में भर उत्साह से, गाते हैं हम गान॥
तीन रंग-ध्वज देश का, नाम तिरंगा जान।
मुक्त गगन को छू रहा, है भारत की शान॥
लहर लहर लहरा रहा, अपना झंडा आज।
हम भारत के पूत हैं, हमको इस पर नाज़॥
केसरिया बलिदान का, श्वेत सत्य अरु शांति।
हरा प्रगति द्योतित करे, चक्र चौमुखी क्रांति॥
क्षिति-जल-नभ में गूँजता, इसका गौरव गान।
न्यारा सारे विश्व में, मेरा देश महान॥
द्रौपदी साहू - छुरी कला, कोरबा (छत्तीसगढ़)