कासे कहूँ - लोकगीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला

जब से लड़े नैना तोसे सजनवा,
बैरन भयी है दुनियाँ हमार। 2
कासे कहूँ मैं हाल जिया का,
कासे छुपाऊँ पिया तोरा प्यार।
जबसे लड़े... 2

तोहरी लगन पिया चढ़ जाऊँ सूली,
प्रेम अगन में मैं जग सारा भूली।
चैना नहीं है हमरे जिया को,
जब से बनी मैं रनिया तोहार।
जब से लड़े... 2
कासे कहूँ... 2

लाज की लाली ने भेद हैं खोले,
तुम नहीं जानो पिया तुम तो हो भोले।
रात दिना कुछ सुध ना रही रे,
उड़ने लगी मैं तोहरी बयार।
जब से लड़े... 2
कासे कहूँ मैं हाल जिया का,
कासे छिपाऊँ पिया तोरा प्यार।

सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

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