कवन सुगवा मार देलस ठोरवा - लोकगीत - आशीष कुमार

कवन सुगवा मार देलस ठोरवा,
ए रामा गजब भइले ना।
कि आहो रामा सुगवा जुठार देलस केरवा,
ए रामा गजब भइले ना।

कतना जतनवा से भोगवा बनइनी,
ए रामा गजब भइले ना।
कि आहो रामा सुगवा जुठार देलस भोगवा,
ए रामा गजब भइले ना।

छोटका बबुआ जे बहंगी उठइले,
ए रामा गजब भइले ना।
कि आहो रामा सुगवा जुठार देलस सेउवा,
ए रामा गजब भइले ना।

सुगवा जे उड़ले आकाशवा
सूरुज देव पासवा,
ए रामा गजब भइले ना।
कि आहो रामा सूरुज देव खींचले परनवा
हो गिर गइले सुगना,
ए रामा गजब भइले ना।

कि सुगनी जे करेली विलपवा
सूरुज देव दीही ना आशीषवा,
ए रामा गजब भइले ना।
कि आहो रामा दिहले आशीष
सुग्गा उड़ले आकाशवा,
ए रामा गजब भइले ना।

पावन छठी मैया के व्रतवा
करे सब लोगवा,
ए रामा गजब होइहे ना।
कि छठी मैया दीहे आशीषवा
हो भरिहे अँचरवा,
ए रामा गजब होइहे ना।

आशीष कुमार - रोहतास (बिहार)

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