रक्षाबन्धन - दोहा छंद - महेन्द्र सिंह राज

राखी का त्योहार यह, बहुत अनूठा पर्व।
बहनों को होता सदा, निज भाई पर गर्व।। 

राखी बाँधे प्रेम से, बहना भाई हाथ। 
जन्म-जन्म का प्रेम यह, जन्म-जन्म का साथ।। 

रक्षा-बंधन पर्व यह, देता है संदेश। 
भाई बहना प्रेम से, रहिए भारत देश।।

बहना भाई प्रेम से, रहे यहाँ हर काल। 
बहना भाई को यहाँ, देत प्रेम हर हाल।। 

बहुत पुराना पर्व यह, राखी का त्योहार। 
बड़े ढंग से मानते, भ्रात-बहन का प्यार।। 

भाई माने बहन को,  बहन मानती भ्रात।
इक दूजे पर वो कभी, नहीं लगाते घात।। 

महेन्द्र सिंह राज - चन्दौली (उत्तर प्रदेश)

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