नीलकंठ - कविता - मोनी रानी

आसमान में हमनें उसे उड़ते देखा,
आसमानी पंख और नीले कंठो वाला
पक्षी बहुत हीं प्यारा।

उड़कर वो हमेशा बिजली की तारों पर
बैठे हमारे मन को, ख़ुशियों से भर देता।
जब कोई मनुष्य जा रहा हो कहीं,
कोई शुभ यात्रा पर वो अपने,
दर्शन से और शुभ कर देता।

कीट-पतंग हैं भोजन उसके,
खेतों से ख़तरनाक कीड़े दूर करता।
सुंदर सा आसमानी नीला रंग
हमारे मन को भा जाता।

बेहद शांतिपूर्ण पक्षी,
शान्ति इलाकों में रहने वाला।
कभी-कभी सड़क के किनारे बने,
बने बिजली की तारों पर
हमें अपना दर्शन करा देता।

सुंदर सा वो पक्षी हमारे मन को
ख़ुशियों से भर जाता।
जब मैं देखती हूँ, उसे निर्भय
विचरण करते खुले आसमान में
तब और भी प्यारा लगता।।

मोनी रानी - नेतौल, पटना (बिहार)

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