डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" - नई दिल्ली
मुग्धा अधीर हिय जाने - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
गुरुवार, जुलाई 08, 2021
अनुराग हृदय नवनीत मधुर मधुभाष प्रीत मन भाने।
मधुमास नवल किसलय कोमल कुसुमित निकुंज हिय जाने।
मधुगान मुदित सुन कोकिल स्वर मन वियोग रति माने।
घाव पीड़ हिय मदन बाण यौवन तरंग सोमरस जाने।
मृगनैन चारु पलकों में छिप नीलाभ भाल शशि भाने।
मुकुलित रसाल रक्तिम गुलाब सम प्रिय कपोल रस जाने।
गिरि शिखरतुंग उन्नत उरोज मधुशाल नशा रस माने।
अभिसार मिलन मनुहार प्रियम घनश्याम घटा बरसाने।
कलसी काया सम पीत वसन कचनार कली हर्षाने।
अरुणाभ उषा सुष्मित सरोज निशिचन्द्र कला सम माने।
बिम्बाधर मुस्कान अधर सतरंग प्रीत मुदित तराने।
मनमोहन संगीत प्रीत पावस रिमझिम सावन माने।
उन्मत्त वात गति वेग प्रखर मुग्धा अधीर हिय जाने।
कृशकाय कटि तन्वी श्यामा गजगामिनी रमणी माने।।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर