इश्क़ का इज़हार - कविता - संदीप कुमार

बहुत ही आसान है किसी को दिल से प्यार करना।
लेकिन आसान नहीं होता इश्क़ का इज़हार करना।

अब देख लो हम भी तुमसे बातें तो हज़ार करते हैं।
लेकिन कहने से डरते हैं, कि तुमसे प्यार करते हैं।

अगर ये समाज प्यार करने वालों को ताने न देता।
कोई भी आशिक़ अपने प्यार को दूर जाने न देता।

लेकिन इश्क़ में भी एक तड़प भी ज़रूरी होती है।
इश्क़ की कहानी में कोई न कोई मजबूरी होती है।

यही सोचकर हम तुमसे कई बार दूर हो जाते हैं।
कहना चाहते हैं लेकिन बहुत मजबूर हो जाते हैं।

बस हमारी शायरी को ही तुम इज़हार समझना।
कभी देख पाओ आँखों में तो वो प्यार समझना।

संदीप कुमार - नैनीताल (उत्तराखंड)

Join Whatsapp Channel



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos