प्रेम और सद्भावों की
मधुर मधुर बयार लिखें,
खुशियों भरा महकता
सुंदर सा संसार लिखें।
मधुर गीतों की लड़ियाँ गा
गुल गुलशन गुलज़ार लिखें,
अपनापन अनमोल जग में
आओ मिलकर प्यार लिखें।
जहाँ नेह की बहती धारा
पावन गंगा की धार लिखें,
जहाँ दिलों में प्रेम उमड़ता
माँ का प्यार दुलार लिखें।
शब्द शब्द मोती बन बरसे
वीणा की झंकार लिखें,
दुनिया के कोने कोने में
आओ मिलकर प्यार लिखें।
आस्था विश्वास प्रेम को
सुमधुर आधार लिखें,
सद्भावों का परचम लहरे
गुलशन सी बहार लिखें।
तूफ़ाँ से टक्कर लेने को तूफ़ान
रणयोध्दा तैयार लिखें,
जीवन के हर एक मोड़ पर
आओ मिलकर प्यार लिखें।
रमाकांत सोनी - झुंझुनू (राजस्थान)