अरकान : फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ा
तक़ती : 22 22 22 22 2
जान कभी तो वक़्त निकाल मिलो।
मुझको तुम लाला के ताल मिलो।।
शाम ढले सीतासागर पर तुम,
पूछो मुझसे मेरा हाल मिलो।
भेज दिया है उनको लव लेटर,
देखें क्या होता है बवाल मिलो।
यार किलाचौक बड़ी सख़्ती है,
ऐसा करो तुम टाउनहाल मिलो।
रोहित गुस्ताख़ - दतिया (मध्य प्रदेश)