याद रखना ये बात - कविता - अंकुर सिंह

मन में है एक चहक,
हो हममें प्रेम की महक।
ना हो दौलत, ना हो चाँदी,
हो पर खुशियों की लहक।

मन में ना हो कोई कसक,
सुख शांति संग प्यार हो।
मिले मुझे एक और जन्म,
यदि तुझ जैसा मेरा यार हो।

उम्मीदों के है कच्चे धागे,
तोड़ उन्हे ना तुम देना।
यदि हो जाए भूल मुझसे,
तो रिश्ता तोड़ ना लेना।।

मेरा मन है सदियों से प्यासा,
मिल उसे तुम बुझा जाना।
लगे मैं भटकूँ प्रेम पथ से,
कान मरोड़ वापस ला देना।।

थोड़ा गुस्सा, अधिक प्रेम देना,
स्नेह डोरी से मुझे बाँध लेना।
यदि लगे मैं भटका यहाँ वहाँ,
हाथ पकड़ वापस ला देना।।

पहली मिलन के प्रेम पल से,
अंतिम जीवन के क्षण तक।
देना हर तुम पल साथ मेरा।
याद रखना तुम ये बात मेरा।।

अंकुर सिंह - चंदवक, जौनपुर (उत्तर प्रदेश)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos