जगत जननी दुर्गमा - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला

हे! माँ जगत जननी दुर्गमा,
अब विश्व का कल्याण कर दे।

हम सभी तो शिशु तुम्हारे,
प्यार का आँचल प्रहर दे।

हे! दयामयि हे! क्षमामयि,
अब कष्ट से उद्धार कर दे।

बस हो हृदय में रूप तेरा,
ऐसे सदा उद्गार भर दे।

दुःख दर्द से हम सब बचें,
ऐ माँ तू चमत्कार कर दे।

ओ माँ जगत जननी दुर्गमा,
अब विश्व का कल्याण कर दे। 

शुभ प्रेम की गंगा बहा माँ,
दुःखों का संहार कर दे।

ओ माँ जगत जननी दुर्गमा,
अब विश्व का कल्याण कर दे।

सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos