कवि संत कुमार "सारथि" - नवलगढ़ (राजस्थान)
राही गा आशा के गीत - कविता - कवि संत कुमार "सारथि"
सोमवार, मार्च 22, 2021
लब पर प्रेम सुधा संगीत।
राही गा आशा के गीत।।
नहीं बैर भाव हो जग में तेरा,
मन के भीतर हो प्रेम का डेरा।
आना जाना जग की रीत,
राही गा आशा के गीत।।
स्वर मधुरिम सर्वत्र बिखेर,
समझो मित्र नहीं कोई बैर।
हँसते करो जीवन व्यतीत,
राही गा आशा के गीत।।
हर पल करना मीठी बात,
यह जीवन की सुंदर सौगात।
प्रेम से लो सारा जग जीत,
राही गा आशा के गीत।।
रखिए पावन सोच विचार,
प्राणी मात्र से करना प्यार।
सदाचार पावन पुनीत,
राही गा आशा के गीत।।
करना हरदम पर उपकार,
हरि नाम जीवन आधार।
कभी नहीं होना भयभीत,
राही गा आशा के गीत।।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर