माँ - कविता - शमा परवीन

"माँ" ममता, प्यार, दुलार हैं,
जीवन की सच्ची सलाहकार हैं।
मातृत्व शक्ति से वाक़िफ़ नहीं जो,
उसका जीवन में कहा उद्धार हैं।
प्यार का आग़ाज़ "माँ" से हैं, 
जनाब यही प्यार तो संसार हैं।
क्यो वज़ह ढूँढते हो खुश होने की,
"माँ "ही खुशियों का भण्डार हैं।

शमा परवीन - बहराइच (उत्तर प्रदेश)

Join Whatsapp Channel



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos