जीवन का इतिहास - कविता - प्रवीन "पथिक"

जीवन!
एक कटीली उलझन।
स्तिथि,
पग-पग पर परीक्षा।
पूरी होती,
कभी-कभी ही इच्छा।
एक-दूजे से
होती,
अनबनी बातें।
घिर जाती
ग़म से,
काली रातें।
होता,
मस्तिष्क में तनाव।
देता,
दिल में घाव।
चुभती,
वह पिछली बात।
हो जाती
पूनम,
अमावस रात।
ऐसा ही,
कुछ होता है;
जीवन का इतिहास!!

प्रवीन "पथिक" - बलिया (उत्तर प्रदेश)

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