आया होली का त्यौहार - कविता - कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी

कोई न बच के जाने पाए,
आया होली का त्यौहार।
नीले-पीले रंगों मे रंग 
जाए दुश्मन भी यार,
आओ मिलकर खेलें सब 
खुशियाँ बाँटे दोनो हाथ,
चुन्नू-मुन्नू, चिंकी-पिंकी 
छोड़ेंगे न हम इस बार,
राधावल्लभ संग खेलेंगे 
ग्वाल-गोपियाँ हम-तुम यार।

कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी - सहआदतगंज, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

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