तुम करो राम से प्यार - गीत - अजय गुप्ता "अजेय"

तुम करो राम से प्यार अमरत बरसेगा।
तेरा हो जाए कल्यान अमरत बरसेगा।

सूर्यकुल दशरथ के नंदन,
माता कौशल्या अभिनंदन।
पिता वचन पालनहार, अमरत बरसेगा।
गुरु वशिष्ठ कृपा अपार, अमरत बरसेगा।।
तुम करो राम...

भार्या जनक नंदनी, नारी पतिव्रता गुनी,
छोड़ा महल सुख, बनी वन अनुगमी।
सप्त वचन जीवन आधार, अमरत बरसेगा।
तुम करो सिया सत्कार, अमरत बरसेगा।।

मर्यादा को कभी न त्यागो,
मात-पिता की आज्ञा मानो।
होगा तेरा भी उद्धार, अमरत बरसेगा।
तुम करो राम से प्यार, अमरत बरसेगा।।

करके भगवा वस्त्र धारन,
राम धुन का कर उच्चारन।
होकर प्रसन्न अपार, अमरत बरसेगा।
तुम करो हनुमत से प्यार, अमरत बरसेगा।।

आदर्शों की ओढ़ चुनरिया,
सत्य मार्ग की चले डगरिया।
गुरु आज्ञा कर शिरोधार, अमरत बरसेगा।
तुम करो राम से प्यार, अमरत बरसेगा।।

सिर पर राम पादुका धारन,
कुटिया से राजकाज सभारन।
राजमुकट नही स्वीकार, अमरत बरसेगा।
तुम करो भरत से प्यार, अमरत बरसेगा।।

भाई आज्ञा कभी न टालो,
लक्ष्मण रेखा कभी न लाघों                            
सुखी रहे संसार, अमरत बरसेगा।
तुम करो लखन से प्यार, अमरत बरसेगा।।

जग भर पर उपकार किए जा,
केवट को भी सरन लिये जा।
सब देख रहा करतार, अमरत बरसेगा।
तुम करो सरयू स्नान, अमरत बरसेगा।।

झूठे बेर शबरी के भाए,
तरी अहिल्या हरषाए,
तेरा भी होगा कल्यान, अमरत बरसेगा।
तुम करो अवध से प्यार, अमरत बसेगा।।

मन रावन को मार भगाओ,
जन जन का संताप मिटाओ।
पाँच सदी में हटा तिमिर,
हुआ दिव्य प्रकाश, अमरत बरसेगा।
तुम करो जग से प्यार, अमरत बरसेगा।।

सब विधि होगा कल्यान, अमरत बरसेगा।
तुम करो राम से प्यार, अमरत बरसेगा।।

अजय गुप्ता "अजेय" - जलेसर (उत्तर प्रदेश)

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