आलोक रंजन इंदौरवी - इन्दौर (मध्यप्रदेश)
फ़ायदा - ग़ज़ल - आलोक रंजन इंदौरवी
शनिवार, मार्च 27, 2021
अंधेरों से बचके रहो फ़ायदा है।
उजालों के रस्ते चलो फ़ायदा है।।
नहीं कोई मंज़िल बताएगा तुमको,
स्वयं राह अपनी चुनो फ़ायदा है।
तुम्हारे क़दम डगमगायेगे पहले,
मगर अपने मन की सुनो फ़ायदा है।
ज़माने तो चाहेगा नीचे गिरो तुम,
सुनो सबकी फिर ख़ुद गुनो फ़ायदा है।
शिकायत करो ना सुनो तुम किसी की,
मगन मस्त ख़ुद में रहो फ़ायदा है।
नहीं कोई अच्छा बुरा है ज़हां में,
हवा जैसी हो बस बहो फ़ायदा है।
बुराई की बातें न सोचो कभी भी,
सदा नेक इंसाँ बनो फ़ायदा है।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर