छत्र जिनका शौर्य था प्रबलता थी साधना,
चरित्र जिनकी आन थी श्रेष्ठता आराधना।
देशहित में प्राण को बलिदान करने ललक,
क्रोध में थी दीखती साक्षात अग्नि की झलक।
गुरु समर्थ रामदास तुलजा भवानी सदा साथ,
महा मानव आपको नमन करता सम्पूर्ण राष्ट्र।।
विनय "विनम्र" - चन्दौली (उत्तर प्रदेश)